डबरी निर्माण से किसान मोहित हुआ आत्मनिर्भर
डबरी निर्माण से किसान मोहित हुआ आत्मनिर्भर
एमसीबी/16 दिसम्बर 2024/ छत्तीसगढ़ के मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के मनेंद्रगढ़ जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत महाई के एक छोटे से किसान श्री मोहित/पिता श्री लल्ला की जिंदगी हर बीतते दिन के साथ सूखती फसल की तरह निराशा में घिरता जा रहा था । मोहित के पास तीन एकड़ जमीन तो थी, लेकिन बिना सिंचाई साधन के वह जमीन सिर्फ बारिश की भरोसे पर निर्भर था । हर साल अनिश्चित बारिश और पानी की कमी ने उनके लिए खेती को घाटे का सौदा बना रहा था । जैसे-जैसे फसलें असफल हो रही थीं, मोहित का आत्मविश्वास टूटता जा रहा था। खेती के घाटे ने उन्हें मजबूर कर दिया कि वे अब मजदूरी का सहारा लें।
एक किसान जिसकी जमीन कभी उसके जीवन का आधार थी, अब उसके लिए एक बोझ बन चुका था । लेकिन यह कहानी यहीं खत्म नहीं हुआ। यह कहानी मोहित के संघर्ष और उनकी किस्मत बदलने वाले एक अद्भुत बदलाव की है।
मोहित का बारिश के भरोसे से आत्मनिर्भरता तक का सफर
जब ग्राम पंचायत महाई में जिला प्रशासन ने किसानों की समस्याओं पर ध्यान दिया, तो मोहित की हालत ने अधिकारियों को सोचने पर मजबूर कर दिया। उनकी जमीन को देखकर यह साफ हो गया कि अगर सिंचाई की सुविधा मिल जाए, तो यह जमीन सिर्फ उपजाऊ ही नहीं, बल्कि समृद्धि का साधन बन सकती है। यहीं से शुरू हुआ बदलाव का सफर। मनरेगा योजना के तहत डबरी निर्माण कार्य को स्वीकृति मिली। डबरी निर्माण के लिए 2 लाख 28 हजार रुपए का प्रशासनिक स्वीकृत बजट पास किया गया। लेकिन सिर्फ बजट ही पर्याप्त नहीं था। सही स्थान का चयन, निर्माण सामग्री की उपलब्धता और जल संग्रहण को सुनिश्चित करना, इन सभी चुनौतियों का सामना ग्राम पंचायत महाई और जिला प्रशासन ने किया। विशेषज्ञों की मदद से मोहित के खेत में जलभराव वाली उपयुक्त जगह का चयन किया गया और मनरेगा के माध्यम से निर्माण कार्य शुरू हुआ।